महिला-बाल विकास विभाग ने प्रदेश के प्रत्येक विकासखण्ड के एक ऑगनवाड़ी केन्द्र को बाल शिक्षा केन्द्र के रूप में विकसित करने का निर्णय लिया है। प्रथम चरण में 313 ऑगनवाड़ी केन्द्र में बाल शिक्षा केन्द्र शुरू किये गये हैं। इन बाल शिक्षा केन्द्रों में 6 वर्ष तक आयु वर्ग के नौनिहालों को प्री-प्रायमरी शिक्षा की तैयारी कराई जा रही है।
महिला-बाल विकास विभाग द्वारा प्रारंभिक बाल्यावस्था में देखरेख और शिक्षा के संबंध में रेग्युलेटरी दिशा-निर्देश तैयार किये जा रहे हैं। इसके माध्यम से शासकीय एवं निजी क्षेत्रों में 6 वर्ष तक आयु वर्ग के बच्चों के समुचित विकास के लिए संचालित की जा रही प्री-प्रायमरी संस्थाओं का नियमन, निगरानी और मूल्यांकन किया जाएगा। प्रदेश स्तर पर भी शाला पूर्व शिक्षा नीति तथा नियामक दिशा-निर्देश बनाये जा रहे हैं।